फिर सवेरा हो जाता है ;
फिर रात बीत जाती है ;
ख़ामोशी से।
खुद में कई राज छुपाये ,
गुज़र जाते हैं कई लम्हे ;
बिन मुस्कुराये ;
सो जाते हैं फूल कई।
आसमां देखता रहता है ;
सदियों से ;
ऐसे ही ;
परदे के पीछे भी ;
बदलती रहती है दुनिया ;
संगीत खो जाता है ;
आंसुओं के थमते ही।
फिर रात बीत जाती है ;
ख़ामोशी से।
खुद में कई राज छुपाये ,
गुज़र जाते हैं कई लम्हे ;
बिन मुस्कुराये ;
सो जाते हैं फूल कई।
आसमां देखता रहता है ;
सदियों से ;
ऐसे ही ;
परदे के पीछे भी ;
बदलती रहती है दुनिया ;
संगीत खो जाता है ;
आंसुओं के थमते ही।
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