Friday, April 2, 2010

इंद्रधनुष

" विजेता कुछ अलग नहीँ करते , बल्कि किसी काम को अलग ढंग से करते हैँ । " शिव खेड़ा का यह कथन हमारे लिए है । हम क्या करना चाहते हैँ , यह तो हम निश्चित कर लेते हैँ । लेकिन हम यह निश्चित नहीँ कर पाते कि इस काम को किस तरह करना है । प्रकृति कितनी खूबसूरत है । हम अपने हर काम मेँ खूबसूरती डालना चाहते हैँ । सौँदर्य आभा विखेरता है । मन की चेतना सौँदर्य को महसूस करती है । एक बड़ा बदलाव जीवन मेँ यूँ ही नहीँ आता । हम बदलाव लाना चाहते हैँ । जीतना चाहते हैँ । सात रंगोँ से प्रकाश बनता है । प्रकाश के रंग इंद्रधनुष मेँ दिखाई देते हैँ । हर रंग की तरंगदैर्ध्य अलग होती है । ऐसा ही है जीवन । यह अपना सौँदर्य खुद विखेरता है । बस हमेँ इंतजार करना पड़ता है । शाम का इंतजार करते हुए दिन गुजर जाता है । फिर यह दिन कभी नहीँ आता ।



जो है आज और अभी है । पेड़ के नीचे की शान्ति मेँ जो मजा है , वह शॉपिँग मॉल मेँ नहीँ मिलता । बच्चे के चेहरे की हँसी से पता चलता है कि यह शुरूआत है । लेकिन जिँदगी आपको कोई वारंटी नहीँ देती । इसलिए कुछ अलग तरीके से लाइफ को एन्जॉय किया जाये । नियम तोड़ने के लिए बने हैँ । हर कोई पुराना विचार या तरीका अब काम नहीँ आता । नयेपन का जमाना है । अगर लोग इसी बात को मानते रहते कि सूर्य पृथ्वी के चक्कर लगाता है तो फिर हम अंतरिक्ष मेँ इतनी ऊँचाई तक कैसे पहुँच पाते ? हर किसी आविष्कारक ने पुराने विचारोँ और धारणाओँ का विश्लेषण किया है । उनमेँ संसोधन किया है । आविष्कार का अर्थ होता है खोजना । लेकिन कुछ नयी खोज हमेँ कुछ करने के लिए प्रेरित करती है । रात मेँ चमकते ध्रुव तारे को देखकर दिशा तय करने वाले नाविकोँ ने नये स्थानोँ की खोज की । विस्तृत समाज की दृष्टि व्यापक हुई तो कम्प्यूटर का आविष्कार हुआ । यही तो विजेता की पहचान है । हम जिस लक्ष्य को पाना चाहते हैँ उसे पा लेने पर विजेता बन जाते हैँ । न कि केवल उस रेस को जीतकर जिसे हर कोई जीतना चाहता है । हमेँ अपने लक्ष्य खुद निर्धारित करने होँगे । यही तो रफ्तार है , जिस पर हम चलना चाहते हैँ ।



बारिश की बूँदेँ एक नयापन लेकर आती हैँ । वृक्षोँ पर हरे पत्ते आने लगते हैँ । मौसम सुहावना हो जाता है । यही प्रकृति का सृजन है । हमारा सृजन हमारी अवस्थाओँ के साथ विकसित होता है । नई चुनौतियोँ और नये अवसरोँ के साथ हम और अधिक सृजनात्मक हो जाते हैँ । कई परिस्थितियोँ पर हमेँ टेन्शन होता है । लेकिन यही तो बात है जो विजेताओँ मेँ होती है कि वे टेन्शन मेँ अपना समय बर्बाद नहीँ करते । हर पल वे खुद को तरोताजा बनाने का प्रयास करते हैँ और हर चीज को किसी नये ढंग से करने का प्रयास करते हैँ । वे नई तकनीकेँ ढूँढ़ते हैँ जिससे समस्याएँ हल की जा सकेँ । हर नई तकनीक से मस्तिष्क की क्षमताओँ का विकास होता है । यही विकास सफलता देता है । सफल लोगोँ के पास खुशियाँ होती हैँ । लेकिन वे खुशियोँ को सहेजने का प्रयास नहीँ करते । इसलिए उन्हे टेन्शन नहीँ होता और वे सफलता के करीब आ जाते हैँ ।...

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