Friday, February 17, 2012

एक और खोज


मेरी यह खोज
पूरी हो गई है !
लेकिन
मैँ यहाँ आकर
नहीँ रुक सकता ,
मुझे चलना होगा !
क्षितिज की
कल्पना से दूर
खोज करनी होगी
अन्तरिक्ष की !
और पाना होगा
एक नये जीवन को ,
जो मुझे देगा
नये विचार
नयी संस्कृति !
और एक नयी चाह
सफलता की ओर
निरंतर बढ़ने की !

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