Friday, February 17, 2012

अस्तित्व


जीवन
खोजा नहीँ जाता !
सूर्य की किरणोँ मेँ ऊर्जा होती है
जो
महसूस की जाती है !
हर पल
हमेँ
सतर्क रहना पड़ता है
कि हम
जीवन
जी रहे हैँ कि नहीँ !
क्योँकि
ये जीवन
अनिश्चित है !
कल की
आस्था पर ,
विश्वास पर
चल रहे हैँ
सभी !
ये कल
सुनहरे सपनोँ से
भरा है !
यह
टेक्नोलाजी के
विस्तृत
स्वरूप को
अपने मेँ
समाविष्ट किये है !
लेकिन
यदि हम
कल की
कल्पना मेँ
खोये हैँ
तो
हमारा
यह जीवन
व्यर्थ हो रहा है !
अनिश्चितता को जीवन की
परिभाषा
मान लेना
तो सही नहीँ !
लेकिन
यह जीवन
विविधताओँ से
भरा है !
उन
विविधताओँ मेँ
अस्तित्व
कहीँ
खो जाता है !
उस
अस्तित्व को
बनाये रखना
हमारा
कर्तव्य है !
यह कर्तव्य
जरूरी है ,
क्योँकि
यह जीवन
हमारा है !

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